एक पल-जिंदगी-2

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पिछले पार्ट में आपने पढ़ा कि किस तरह मैं एक अनजान लड़की, जिसे मैं ना तो कभी देखा था, ना ही कभी उसके बारे में सुना था, और फिर एक ही पल में उसका दीवाना हो गया । उससे whatapp chat पर बात करने लगा। और चैटिंग के दौरान हुई उसकी galatfahmi को मिटाकर सो गया । और अब आगे...................................

"सो के जगते ही आज सबसे पहले मै फोन देखा क़ि शायद रति जी का कोई मैसेज आया हो, पर कोई मैसेज नही आया था, अब तक रति का।"

" काफी देर वेट कर मैं खुद ही थोड़े-बहुत मैसेज कर दिया । परन्तु आज ना तो मेरे मैसेज का रिप्लाई आ रहा था, और ना ही मेरे मैसज पढ़े जा रहे थे । अब तो मैं हर 10 - 15 मिनट में फ़ोन चेक कर ही लेता था क़ि कही रतिजी ने मुझे कोई मैसेज तो नही किया, कही मेरे मैसेज के रिप्लाई तो नही दिया ।

मै बहुत मिस कर रहा था....................

"कल के पूरे दिन को"

"उसके मैसेज को "

"और उनसे चैटिंग पर हुई सारी बातो को"

दोपहर हो गया अब भी मैं परेशान था क्योंकि अब भी उसकी तरफ से कोई रिप्लाई नही आया था, घर पर सभी तो थे................
"सब मुझसे बात कर रहे थे"

" हस और हँसा रहे थे"


"फिर भी मैं अपने आपको भीड़ में तन्हा पा रहा था। मै बोर हो रहा था तो भाभी जी के घर आ गया क्यों कि कॉलेज स्टार्ट होने की वजह से शाम को मुझे आगरा भी जाना था ।"

"भाभी के घर आ के मै भाभीजी से अपने दुख छुपाते, थोड़ा मुस्कराते हुए पूछा - भाभी आज रति का फ़ोन आया था क्या।"

" भाभी - हां आया था तो "क्यों क्या हुआ बेटा" भाभी मेरे अंदर का दुःख भांपते हुए बोली "


"फिर सीरियस हो गयी और टॉपिक चेंज कर थोड़ा मजाक करने लगी शायद मुझे हँसाने की कोशिस कर रही थी "

"भाभी को दिखाने के लिए मैं थोड़ी-थोड़ी देर में स्माइल पास कर दे रहा था, पर अब भी मै बहुत परेशान था, कुछ समझ में नही आ रहा था कि मैं उसे कैसे बताऊ कि.......

" मैं उसे बहुत ज्यादा ही मिस कर रहा हूं "
"मैं उससे कुछ ज्यादा ही इमोशनली अटैच हो गया हूं "
" मुझे हर पल, हर लम्हा बस उसी की याद आती है "
"होश में, नींद में, सवालो में, जवाबो में, किताबो में, ख्वाबो में अब तो हर जगह वही-वह दिखती है।"

"मैं आगरा के लिए निकल गया और अपने नियत सीट पर लेट गया, पर नीद है कि आने का नाम ही नही ले रही । शायद रति जी की तरह वह भी छुट्टी पर चला गया।"

"मै कभी फ़ोन निकाल गेम खेलता तो कभी सोने का नाटक करता पर उसका फायदा क्या था नीद तो कोई और ही चुरा लिया था।"

"यह भी कभी-कभी फील कर रहा था कि मुझे उसकी confusion दूर नही करनी चाहिए थी कम से कम वह 'दी' समझकर ही सही बात तो करती ! फिर जाने-अनजाने में उसे मैसेज कर दिया।

"आगरा पंहुच कर तुरंत ही फ्रेश हो के कॉलेज चला गया, यह सोच की दोस्तों के बीच शायद खुद को बिजी रख सकुंगा।

[8:19 AM] lucky: Hi

[8:41 AM] lucky: R u busy everytime??

[ 8:42 AM] lucky: I am just want to talk with you for sometime

[8:42 AM] lucky: Time when you want today but not now

[ 8:43 AM] lucky: Thank you

[8:43 AM] lucky: Please text me when you are free...

"मुझे मेरे ही क्लास में मन नही लग रहा था और नीद भी आ रही थी तो जल्द ही मैं 12 बजे के इंटरवेल में रूम पर आ गया। और एक बार फिर से करने लगा इन्तजार मै रति जी का, उनके मैसेज का।"

"रूम पर आ एक बार फिर मैसज करने का सोचा पर खुद पर कंट्रोल किया किया । और थोड़ी देर बाद रति जी का मैसेज आया।"

[ 1:44 PM] Rati: Hi

"हम थोड़ी देर चैटिंग पर बात किये, अब मैं अच्छा फील कर रहा था। हमारी बात होने के बाद मैं यह सोच की अगली बार पहले रतिजी का ही मैसेज आये अतः मैं दो दिन तक कोई मैसेज नही किया और उधर से भी कोई मैसेज नही आया अब तो मुझे थोड़ा गुस्सा सा आने लगा रति पर, कि कैसी बंदी है !" समझती क्या है खुद को और फिर गुस्से में उसे मैसेज कर दिया......

[3:54 PM] lucky:
-If u feel that I am chapku type
-And u avoiding
- Then say??
- U r d first 1 Jise mai bina rply k itne saare msgs kiya, Ya kisi k msg ka wait kiya

[3:57 PM] Rati: Nhi main aap ko chepu type nhi samjhi hu
-Aap ache ho

" इसके बाद से अब रति जी से मेरी अच्छे से बात होने लगी। और एक बार फिर से मेरे ख़ुशी के पल वापस आ गए। और साथ में ही मेरी पढाई भी सही ट्रैक पर आ गयी।"

"और एक बार फिर मै अपनी लाइफ के मुश्किल पल को क्विट कर "एक पल-जिंदगी" के बिंदास लम्हो में जीने लगा।"

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