एक पल जिंदगी-7

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यही कोई रात के 8:30 का समय था। मैं शुभम और प्रियांश तीनो इमरजेंसी डिपार्टमेंट से आ रहे थे, कि मैं बोला .......

लकी:- चल यार आज मैक-डी चलते हैं, सब तैयार तो हो गए, पर मुझसे ये पूछ कि क्यों भाई मुझे उलझन में डाल दिए ..........

मैं सोच ही रहा था कि क्या बताऊँ इन्हें , तभी प्रियांश हसते हुए बोला.........

प्रियांश:- भाई दे रहा है पार्टी, तो ले-ले .....bc
ऐसा मौका बार बार नही मिलता । वैसे भी बड़े मुश्किल से प्रसाहनी पार्टी देता है।

शुभम:- ऐसे तो मैं नही जा सकता, बिना कारण जाने कि आखिर क्यों ??
किस बात की पार्टी...??

लकी:-चल कोई नही , आराम से हॉस्टल चलते है फिर , जब नही जाना है तो....!!

प्रियांश:- चल, अब ज्यादा भाव खाने की जरुरत नही है। अब जल्दी से बता भी दे ,
कोई gf-vf बनी है,....क्या....?? साले मिलाया भी नही, कित्ता चुप्पू है, कमीने कब मिला रहा है, भाभी से ...........??

लकी:- ऐसा कुछ नही है.......कमीने
और मेरी कोई gf-vf नही बनी है।
अब मैक-डी ले चल रहा हूँ, चलना है तो चल, नही तो जाके अपनी .......चरा।

सारे दोस्त हँसने लगते है , तभी हँसी के सिलसिले को तोड़ते हुए शुभम बोला ......

शुभम:- अब बता भी दे यार प्लीज..!!

शुभम की बातों में दर्द को देख मैं मुस्कराते हुए बोला।....

लकी:- यार आज मेरी तरफ से तुम दोनों को
ब्रेक-अप पार्टी ....!!

मै इतना बोला ही था..., दोनों रुक कर मुझे ऐसे देख रहे थे,जैसे "दो शेर बकरी को जो बीच में फसी हो को देखते हैं "
जैसे मैं उनका शिकार हूँ ,और फिर ....
दोनों खिलखिला के हँसने लगे।

Now they make me confused, what they do with me...??

तभी शुभम हस्ते हुए बोला........

शुभम:- अरे वाह बेटा "परेशानी " ,
तभी तो मैं सोचा, कि आज तुम्हारे नाम का असर तुम पर कैसे हो रहा है।
ऐसा तो कभी नही हुआ था, कि तू परेशांन रहा हो ।
हर पल मुशकाते हुये चेहरे से खुशिया बिखेरता रहता था तू , चल कोई नही..... होता है।
मेरे साथ भी कई बार हुआ है, टेंशन ना ले तू, okkk...।

प्रियांश:-चल अच्छा हुआ.... bc,
कमीने ने कभी बताया नही था, अपनी gf के बारे में....।
चल शुभम अपन का क्या है, पार्टी कर के आते हैं....।
साले कुछ तो बता दे, अटलीस्ट....!!
उसके बारे बारे में .......वह कोन थी, कहाँ से थी,
अपने कॉलेज की थी क्या ??
कल चलके कॉलेज में मिलते हैं , कौन थी कमीनी..?
जो मेरे भाई का दिल तोड़ दी।

(प्रियांश सीरियस होकर धीरे से बोला )

लकी:- साले मैं पार्टी देने चल रहा हूँ और तुम दोनों पहले से ही रोंदू सा शक्ल बना लिए .।
Enjoy the party yaar ....
By the way c is not from our college . C is so far from here . C is special nd belong from "{kolkata the city of joy}"

शुभम;- लो मिल लो हमारे देवदास के पापा से ....
वह दिल तोड़ के चली गयी और और ये बोल रहे....
C is special one😁😁😁😁

हशी तो मुझे भी आ रही थी पर मैं उन दोनों के लिए छोड़ दिया उस समय हसना ,और बोला .....

लकी:- I know very well she loves me now.
but kuchh majboori hoti hain jo hame ek doosre se door kar deti hain.

शुभम:- चल अब ये बता भाई तेरा patchup कब हुआ था

(अब तो मैं पूरी तरह से ,अपने ही बातों में फस चूका था, मैं समझ नही पा रहा था ,आखिर क्या बोलू....??
क्यों कि अभी तक तो हमारा patchup भी नही हुआ था । फिर थोड़ा सा हिम्मत जुटा के हस्ते हुए बोला .....)

लकी:- साले हमारा patchup ही कभी नही हुआ था।
कमीने आज मन नही लग रहा था, तो सोचा कि आज मैकडी चलते हैं , पर तुम दोनों कमीने दोस्तों की वजह से आज एक झूठी कहानी बनानी पड़ी|
😊😊😊😊😊😊😢

फिर शुभम और प्रियांश दोनों ही एक स्वर में हस्ते हुए बोले जब ऐसी कोई बात नही है तो आज प्रसाहनी भाई को मेरी तरफ से पार्टी।

Hahahahahaha
मैं भी उनका हँसने में साथ दिया और मैक-डी में आकर, हम सभी अपने-अपने पसंद की डिश मगाँ कर एन्जॉय किये।

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