एक पल जिंदगी-3

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      हम हर रोज की तरह आज भी फोन पर बात कर रहे थे, तभी राति ने बताया कि -
       
   रति:- आप ऐसे पहले शख्स हो- "जिससे मैं बात करती हूँ ,ये बात जान कर भी मेरी mom कुछ नही बोली।"

लकी:-  अरे यार तू भी कमाल करती है अब मॉम को पता चल गया है कि तू अब बड़ी हो गयी है और तुझे समझ से अपना अच्छा बुरा समझने की तो शायद इसीलिये।

       (मै  चहरे पर हलकी सी मुस्कान लिए हस्ते हुए बोला )
         
रति :-  शायद आप सही कह रहे हो मुझे भी ऐसा ही लग रहा है ......!!!
       और हां.....मॉम ने ये भी कहा था, कि पहले पढाई कर लो बेटा, इसके लिए तो अभी पूरी जिंदगी पड़ी है ।

लकी:- हाँ जी सही तो कहा है मॉम ने....!!
               आखिर वह मॉम हैं गलत क्यों कहेंगी।
          इसके (प्यार,इश्क़,मोह्हबत) के लिए तो जिंदगी पड़ी है ।
             जब बूढ़े हो जाना.......
                  सारे दांत टूट कर गिर जाए ।
                  आँखों पर  मोटा-मोटा चश्मा लग जाये।
                  कान से सुनाई देना बंद हो जाये ।
                  सारे बाल सफेद हो जाये।
      तो किसी अपने जैसे दिखने वाले बुड्ढे से कर लेना प्यार, इश्क़, मोह्हबत ।
  
           (मै नाटकीय ढंग से हस्ते हुए बोला /)

रति:- बात तो पते की किया तू ..!! अब तो तेरी बात पर गौर करना पड़ेगा ।
      वैसे भी अब मुझे भी लगता है, कि मॉम समझने लगी हैं ....... "मैं बड़ी हो गयी और अपना अच्छा बुरा समझने लगी।"
       तो अब मुझे अपने फैसले सोच समझ कर खुद ही लेना पड़ेगा।

लकी:- वैसे आप ये बताओ..…..
     आपके माँ को कैसे पता चला, कि मेरी तुमसे बात होती है ....??
     
           (  मैं थोड़ा सीरियस होके रति से पूछा )

रति:-  अरे यार मेरे एक अंकल हैं जो मॉम की कंपनी में काम करते हैं । एक दिन ऐसे ही मैं उन्हें बता दी थी आपके बारे में तो वह मॉम को बता दिए थे ऐसे ही
           (मै थोड़ा सा हैरान था ..!! आखिर ये कैसी लड़की है यार, किसी से भी.... अरे प्राइवेसी नाम की भी कोई चीज होती है। )

लकी:- चल कोई नही यार क्या मुझे कुछ उनके बारे में बताएगी...??
 
        ( मै अपने चेहरे पर परेशानी को प्रदर्शित करते हुए राति से पूछा।)

रति:- he is an engineer in mom's company, and  u know वह बहुत ही अच्छे पर्सन हैं।

लकी:- कुछ और बताओगे आप उनके बारे में ??
             (मै  थोड़ा जोर देके पूछा)

रति:- sorry...!!
          इससे ज्यादा मई उनके बारे में कुछ नही बता सकती।

लकी:- क्यों .......क्यों नही बात कर सकती तुम इससे ज्यादा उनके बारे में।
           (मै चेहरे पर शिकन लिये सकुचाते हुए पूछा)

रति:- इससे ज्यादा , उनके बारे में किसी को बताने की परमिशन नही है मुझे...!

लकी:- ओह्ह क्या मैं जान सकता हूँ कौन परमिशन इंहिबिट किया है...??
      वैसे आपको मेरे बारे में बताने की परमिशन आपको कौन दिया...??
       क्या एक बार भी आपको नही लगा,  क़ि मुझसे पूछना चाहिए था उनसे बताने से पहले..??

रति:- नही मुझे ऐसा कुछ नही लगा, क्यों क़ि वह बड़े हैं हमारे लिए , अच्छी राह ही दिखाएंगे तो.......

            वैसे अपनी जगह रति भी सही है ।
                         पर मुझे अच्छा नही लगा,
         अटलीस्ट उसे इंजीनियर साब के बारे में कुछ तो बताना चाहिए था .......
  मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा था ......
        ना तो मैं उनसे मिलने जाता ।
       ना ही किराये के गुंडे भेज उनकी धुलाई कराता।
      और ना ही उनकी गुप्त सूचनाओं को पुलिस तक पहुचाता।

     
        (मुझे मेरे सवालो के संतोष जनक उत्तर ना मिल पाने और खुद को काफी डिशकार्डेड महशूस करने की वजह से  मै भी उससे बोल दिया ।.......)

लकी:- आज के बाद, अब हम कही पर भी  बात नही करेंगे। चाहे वह फ़ोन कॉल हो या whatapps, facebook।

रति:- जैसी आपकी इच्छा।

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