57.रिश्ते

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लाख जोड़ा फिर भी टूट गये, इतने कमजोर क्यों होते हैं "अपनों के रिश्ते"...!!!













Lakh joda phir bhi tut gaye, itne kamjor kyon hote hai "apno ke rishtey"...!!!

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