जिंदगी का ये भी दस्तूर है
शाम कटती नहीं हैं
और साल बीते चले जाते हैं।
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सोच
Короткий рассказजररूरी ये नहीं है की हिंदी कितनी समृद्ध भाषा है , जररूरी ये है की हिंदी हमारी मातृभाषा है!!
.4.
जिंदगी का ये भी दस्तूर है
शाम कटती नहीं हैं
और साल बीते चले जाते हैं।