"बोलो तो भूल जाओ
सिखाओ तो याद रखो,
साथ लाओ तोह सीखो
मगर चाहे कुछ भी हो, अनदेखा मत करो यार"||
"बोलने से भी रहता कुछ-कुछ याद
सिखाओ तो रहता पक्का तैयार,
साथ लाओ तो हो गया पार
मगर चाहे कुछ भी हो, अनदेखा मत करो यार"||
"बोलने से रहता कुछ पे असर
सिखाओ तोह रहता आधो में फर्क,
साथ लाओ तो हो जाये नैया पार
मगर चाहे कुछ भी हो, अनदेखा मत करो यार"||
"बोलने और बताने में है न कोई अंतर
सिखाओ और सीखने में ना कोई दोष,
साथ या एक जुत में भी ना कोई प्रकार
इसलिए तो मन बार-बार कहे,
चाहे कुछ भी हो
अनदेखा मत करो यार"||
- खुशी
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"POETRY"
Poetryगलती मेरी, माफी मेरी गुस्सा तेरा, हक तेरा।। पगली में, मजाक उड़ाया समझदार तु, गुस्सा दिखाया।। दुखाया दिल तेरा, सिकुड़ा मन मेरा।। जान के अपनी गलती, मांगती हूं माफ़ी।। - खुशी