ओरा और अर्जुन

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भीष्मा और अर्जुन उस हेलिकोप्टेर मे बैठ जाते है, अर्जुन उस हेलिकोप्ट मे बैठे हुए निचे कई शहरो और गावो को देख रहा था जो आसमान से बहुत छोटे दिखाई दे रहे थे ,अर्जुन का मन अभी बहुत उलझा हुआ है, उसे इस सब के बारे मे अभी ज्यादा कुछ नही अपता और उसके मन मे...

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भीष्मा और अर्जुन उस हेलिकोप्टेर मे बैठ जाते है, अर्जुन उस हेलिकोप्ट मे बैठे हुए निचे कई शहरो और गावो को देख रहा था जो आसमान से बहुत छोटे दिखाई दे रहे थे ,अर्जुन का मन अभी बहुत उलझा हुआ है, उसे इस सब के बारे मे अभी ज्यादा कुछ नही अपता और उसके मन मे बहुत सारे सबाल है, लेकिन उसके पास इन सब प्रशनो का एक भी जवाब नही है ।

भीष्मा अर्जुन को देखकर कहता है, किस बात मे खोए हुए हो ।

अर्जुन अपने उदाश मुख और शान्त आवाज से कहता है पता नही मे ये सब क्यो कर रहा हु । लेकिन जव मे उस लडकी के बारे मे सोचता हु तो मेरे अंदर कुछ अलग सा भाव उत्पन्न होने लगता है की वो केवल मेरी है और मे उसे अपना बना कर हि रहुगा ।

भीष्मा जोर जोर से हसने लगता है और कहता है तुम सचमे बहुत अलग हो ।

अर्जुन कहता है मुझे मे क्या अलग है ।

भीष्मा मुस्कुराते हुए कहता है आज रात तुम्हारे साथ इतना कुछ हुआ तुमनो लोगो को मरते देखा उन्हे खुखार दरेंदे बनते देखा लेकिन तब भी तुम केवल एक लडकी के बारे मे सोच रहे जिस्से तुम पहले कभी मिले भी नही ।

अर्जुन : मे उस लडकी से प्रेम भी करता हु और नफरत भी क्योकी जब उसने मेरी तरफ देखा तो मुझे महसुस हुआ की मेरी ओकात उसके सामने केवल एक चिटी की है, और उसके लिए मे केवल एक कमजोर इंसान ही हु लेकिन मे उस्से भी ज्यादा शक्तिशाली और बलवान बनके उसे दिखा दुगा की उसने आखिर किसको कमजोर कहा था ।

भीष्मा : अभी तुम उसके शक्ति और बल को नही जानते इस लिए ये सब कह रहे हो ।

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