दो चहरे

2 0 0
                                    

चेप्टर 10

ओह! यह छवि हमारे सामग्री दिशानिर्देशों का पालन नहीं करती है। प्रकाशन जारी रखने के लिए, कृपया इसे हटा दें या कोई भिन्न छवि अपलोड करें।

चेप्टर 10

दो चहरे

अर्जुन सोचता है की अब मे क्या करु।

तभी अर्जुन को अपने कानो मे बहुत तेज हसने की आवाज आने लगती है, अर्जुन पर सभी लोग हस रहे थे, अर्जुन उस लोहे की गेंद के सामने अकेले खडा हुआ था ,उसको कुछ समझ नही आ रहा की वो अखीर करे तो क्या करे अर्जुन को बहुत तेज खबराहट होने लगती है, उसके पुरी शरीर से बहुत सारा पशिना बहने लगता है अब उसका पुरा दिमाग बिलकुल खाली सा हो गया था उसको को बहुत तेज चक्कर आ रहे थे ।

तभी अर्जुन उस लोहे की गेंद के सामने बेहोस होकर गिर जाता है ।

ओरा कुछ लोगो को आदेश देती है अर्जुन को जल्दी से होस्पीटल ले जाओ" वे लोग अर्जुन को उठाने के लिए जाने लगते है ।"

तभी बहुत तेज बिलकुल पागलो जैसे हसने की आवाज उस पुरी जगह मे गुजने लगती है, ओरा देखती है की अर्जुन के शरीर मे कुछ बदलाव हो रहे है , उसका शरीर देखते ही देखते किसी योध्दा की तरह होता जा रहा है और उसके बालो का रंग भी सफेद हो चुका है ।

अर्जुन धिरे-धिरे हसते हुए फिर से खडा हो जाता है और अपने आखे खोलता है ।

ओरा देखती है की अर्जुन की आखे किसी हीरे की तरह चमक रही है ,और अर्जुन के व्यवहार मे भी बहुत ज्यादा बदलाब आ चुका है, तभी ओरा देखती है की ।

अर्जुन उस बहुत विशाल लोहे की गेंद के सामने खडा हुआ है तभी अर्जुन अपने एक हाथ को आगे करता है और उस हाथ की एक औगली से बस थोडा सा उस लोहे की गेंद को हलका सा छुता है तभी अचानक से वो इतनी विशाल लोहे की गेंद केवल अर्जुन के औगली के चुने से ही पुरी तरह चकनाचुर हो जाती है और फिर उसका चुरण भी रेत के कण के समान बन कर उड जाता है।

आप प्रकाशित भागों के अंत तक पहुँच चुके हैं।

⏰ पिछला अद्यतन: Jan 13 ⏰

नए भागों की सूचना पाने के लिए इस कहानी को अपनी लाइब्रेरी में जोड़ें!

arjun a warriarजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें