हम वो स्याह-बख़्त लोग हैं कि
जिन्हें चाहे जाने के सुख से ज्यादा
चाहने का दुःख रास आता है।।मन के आंगन में जलते दिये का नाम ईश्क़ रखा
तेरे आने जाने के रस्ते से जो मिला कुछ
रौशनी वो दिल के पास लाता है।।पागल सी रहती है जलती-बुझती कभी चिराग़ों सी
लम्हे तेरे आने के लेके उम्मीद दिल में कुछ
एक जोगन को तेरा आना, यूं ज़िंदगी के पास लाता है।।