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इन बहती हुई लहरों के साथ, 

तुम्हारे धड़कते दिल के पास,

अपना सिर रखकर काश, पूरी जिंदगी बिता पाती,

तुम्हारी ना होकर भी, काश तुम्हारी हो पाती।


तुम्हें खोने का डर हर पल सताता है,

तुम्हारे पास ना होने से ये दिल तड़पता है।

बेचैनी होती है, घबराहट होती है,

दिल में कुछ आहट सी होती है।


तुम्हारे रूठने पे ये दिल सा मचलता है,

तुम्हें गले लगाने का अजीब सा मन करता है।

तुमसे माफी मांगकर सारे गिले-शिकवे मिटाना चाहती हूँ,

तुम्हारी ना होकर भी, तुम्हारी होना चाहती हूँ।

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I guess jab tak target poora nhi hota you guys enjoy the poem?

Its an original poem guys..I hope you all like it... Dont forget to vote on this as well as the previous chapter!!! comment bhi cutiess!!!

Love you all!!

(arreeyy suno suno, do follow me here and on Instagram (link in the bio) 🥹😚❤️🌸 )

Adioss!!❤️🌸


REGAL REVELATIONS: Love's unexpected twistsWhere stories live. Discover now