शोर बढा है भीतर बहुत,
कोई तो खामोशी को मेरी आवाज दो।
न रुकती हैं न थमने देतीं है मुझे,
कोई तो इन सांसों की लय को आराम दो।।मुद्दत से झूठी उम्मीदों मे जीती आ रही हूं
आज कोई आगे बढकर झूठी दुनिया से निकाल दो।
छोटी कोशिशों से कहां होता है आसमां हासिल
इन हारे पंखों को कोई तो जला दो।।
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let it be #jaanedemujhe
Poésiewhen she had planned to live her whole life along with him, adoring his silly, childish yet caring nature. He asked her to call it off. what else She could tell him except 'let it be- bas #jaane de mujhe. Mere collection of few feelings in my first...