तुम

0 0 0
                                    

तुम आना तो पर न आना किसी ख्वाब की तरह,
कि जो बस इक रहगुजर कि महमाँ हो।

आना पर नहीं किसी मेहमान की तरह,
जो आये, खैरियत पूछे और अपने रस्ते हो।

आना, नहीं उस हसीं लडकपन की तरह,
जो जिन्दगी भर को बस ख्वाब हो जाये।

आना तो बस सांस की तरह,
जो जाये तो बस जान जाये।

आना तो बस सांस की तरह,जो जाये तो बस जान जाये।

Oops! This image does not follow our content guidelines. To continue publishing, please remove it or upload a different image.
let it be #jaanedemujheWhere stories live. Discover now