जब दूरी हो तेरे मेरे दरमेया, खुशियों में भी आंखें नम हैं
गर तू थाम ले हाथ मेरा, तो फिर गम में भी क्या गम हैं।।
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ये रातें।
Poetryउनसे कहो जाकर ज़रा मेरी बातों का जवाब दे कब तक एक तरफा ज़िक्र करू इन सितारों से।
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जब दूरी हो तेरे मेरे दरमेया, खुशियों में भी आंखें नम हैं
गर तू थाम ले हाथ मेरा, तो फिर गम में भी क्या गम हैं।।