जब दूरी हो तेरे मेरे दरमेया, खुशियों में भी आंखें नम हैं
गर तू थाम ले हाथ मेरा, तो फिर गम में भी क्या गम हैं।।

YOU ARE READING
ये रातें।
Poetryउनसे कहो जाकर ज़रा मेरी बातों का जवाब दे कब तक एक तरफा ज़िक्र करू इन सितारों से।
३
जब दूरी हो तेरे मेरे दरमेया, खुशियों में भी आंखें नम हैं
गर तू थाम ले हाथ मेरा, तो फिर गम में भी क्या गम हैं।।