~तुम~

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भस्म होते हुए देखा जो अपनों को
पता था अब न संभल पाऐंगे
उन्हीं की राख में हाथ फिराया
तो हमारी जिंदगी का
अनमोल हिस्सा बन कर उभरा
और वो थी ‘तुम’।
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𝐋𝐚𝐟𝐳Where stories live. Discover now