वहाँ राज-कुमार व कुमारियाँ, राजा व रानियाँ उपस्थित थे। युवराज लव कुणाल भी आ पहुँचे तो आयुध पूजा का शुभ समारोह आरंभ हुआ । प्रत्येक आसन के समक्ष चौकी थी जिसपर उन्होंने अपने अस्त्र-शस्त्र आदि रखे थे । धूप-दीप,आरती से शक्ति की पूजा,जप,अभिषेक आदि के पश्चात प्रतियोगिता का प्रथम चरण आरंभ हुआ ।
दर्शकों ने अपने आसन ग्रहण किए । मीरा ने समक्ष आकर नियम कुछ इस प्रकार सुनाए- "प्रतियोगियों के समक्ष कुछ ही दूरी पर एक-एक प्रतिमाएँ स्थित हैं।प्रत्येक प्रतियोगी को तीन बाण प्रदान किए गए हैं किंतु इस चरण में प्रतियोगियों को अधिकतम दो तीरों का प्रयोग करना है, इस विधि का उल्लंघन करने पर प्रतियोगी प्रतियोगिता से निष्कासित कर दिया जायेगा। पूर्णांक हेतु प्रतियोगियों को दो कार्य सिद्ध करने हैं। प्रथम - मोती को प्रतिमा से पृथक करें, द्वितीय - प्रतिमा पर वार किए बिन उसका दो भागों में विभाजन करें ।"
प्रतियोगियों ने अपने-अपने स्थान स्वीकार किए व धनुष उठाए । लव ने यह ध्यान दिया कि दूर से देखने में यह प्रतिमाएँ एक आकार की दिखती थीं, किंतु यह एक समान थीं नहीं। लव अपने सामने (दूरी पर) रखी प्रतिमा ध्यान से देखता रहा । प्रतियोगियों में से किसी कुमार ने मोती हेतु मूर्ति के नेत्र को निशाना बनाया तो किसीने मूर्ति के कर्ण-कुंडल को । यह तय था कि सभी प्रतिमाओं में छिपे मोती के स्थान भिन्न-भिन्न थे ।
यह मूर्ति जिसकी अब केवल एक आँख शेष थी, इसके भेदन के पश्चात लव को यह तो निश्चित हो गया कि मूर्तियाँ भीतर से खोखली हैं । अभी तक पाँच प्रतियोगी कुमार प्रयास कर चुके थे। इनमें से दो कुमार मोती को पृथक करने में सफल हुए थे। प्रतिमा का विभाजन अब तक कोई न कर सका था ।
किसी ने शेष चार कुमारों को भी आगे बढ़ने कहा । कुमार आयुश्वहन व पटिर-कुमार एक-दूसरे की ओर मुस्कुराए । दोनों ने धनुष उठाए व एक ही समय में तीर छोड़े । तीर जा लगे उन स्तंभों पर जिन पर प्रतिमा स्थित थीं । स्तम्भ ध्वस्त हो गए व प्रतिमा के गिरकर टुकड़े-टुकड़े हो गए । दर्शक चकित थे । दोनों के ही कौशल-युक्ति एवं बुद्धि में कितनी समानता थी ।
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शाश्वतम् प्रेमम्(Eternal love)
Historical Fictionश्वास का मंद स्वर,केश इधर-उधर बिखरे हुए,उसके ओठों पर गहरा लाल रंग छाया हुआ,अर्धचंद्र की चांदनी में उसका मुख उन पारदर्शी नयनों से अलौकिक प्रतीत हो रहा था .... An Indian historical bl (युवालय) written in Hindi. Starts on - 31st March, 2023 {Friday}