जज़्बात

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कुछ हसीं से जज़्बातों की कहानी हूँ
कभी तनहा तो कभी पुरानी हूँ
की छोड़ कर वो बाढ़ गया था
साहिल पर तनहा मुझ को
हर आती जाती लहर में
ढूँढती उसकी निशानी हूँ !!

मनीषा

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