अवनि मेरे पास बैठी थी, धारा उसे हर्ब्स का घोल पिला रही थी, औऱ ध्रुव मेरे सामने बैठा था।
ध्रुव के पूछने पर मैने उसे अपने वैम्पायर बन ने की कहानी बताई.
और मेरे पूछने पर ध्रुव ने बताया कि वह वैम्पायर नहीं।
वो वेयरवोल्फ़ है, हमेशा से था।
"पर तुम्हारी वैम्पायर्स से दुश्मनी क्यों है"-मेने पूछा
"क्योंकी बहुत पहले उन्होंने हमारी दुनिया उझाड़ दी, उसी रात, राक्षस राज से समझौते के पहले"-ध्रुव की आँखे लाल हो रही थी।
"नही ध्रुव, वह सब वैम्पायर्स ने नही, मोंस्टर्स ने किया था और मेरे पास इसका सबूत भी है, मेरे पास वह जो किताब थी उसमें लिखा है कि उस दिन मोंस्टर्स ने प्रेतों के साथ मिलकर वैम्पायर्स पर हमले की कोशिश की थी, हो सकता है कि उन्होंने ही वेयरवोल्फ़ डेन पर भी हमला किया हो, क्योंकि वैम्पायर्स तो मोंस्टर्स से लड़ रहे थे उस वक़्त"-मेने ध्रुव को समझाया।
"शायद" -ध्रुव ने कहा।
उसे देख कर मैं समझ चुका था कि उसे भी इस कहानी पर यकीन है पर उसके हाव-भाव में कोई फर्क नहीं था।
"अवनि नई वैम्पायर है, इसका खुद की प्यास पर ज़्यादा कंट्रोल नहीं होगा, इसलिए कुछ समय तक इसे ये हर्ब्स देते रहना"-धारा ने मुझे एक बैग पकड़ा दिया–"औऱ मुझे अभी कुछ अधूरे काम करने है, तो मैं चलती हु, अपना ख्याल रखना, फिर मिलेंगे"
मेने सो रही अवनि की और देखा, वो अभी भी पूरी तरह होश में नहीं थी, पर धारा ने कहा कि वह ठीक हो जाएगी।
आंखों से ओझल होती धारा और किसी सोच में डूबे ध्रुव को देखकर में सोच रहा था कि मेरी ज़िन्दगी क्या से क्या बन गयी, अभी कुछ सालों पहले वाले इन तीन दोस्तो में और अब के तीन दोस्तो में काफी फ़र्क़ था।
कुछ सवाल अब भी बाकी है मन में पर शायद उनके जवाब आगे मिल जाए ।
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The New Order Vampire [HINDI]
Про вампировएक कहानी तीन दोस्तों और दों रह्श्यमयी वंशों की, एक कहानी जो वैम्पायर्स के भारत से उदगम का समर्थन करती है, एक कहानी जो कोई कॉलेज ड्रामा नही, भारत के अनछुए पहलु से रूबरू कराने वाला अहसास है, जिसकी ये तो बस शुरुआत है...