आओ कोई ख्वाब बने कल के वास्ते

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सोंचता हूँ छतरी बनूँ
फुटपाथ पर सोते हुए उन बच्चो का साया बनू
खोलूँ मै अपनी आखिरी सांसों के रास्ते
आओ कोई ख्वाब बने कल के वास्ते

सोंचता हूँ बारिश बनूँ
सूखती हुई फसलों का अमृत बनू
जरिया बनूँ उनकी रोटी का जो है भूख से हांफते
आओ कोई ख्वाब बने कल के वास्ते

सोंचता हूँ इक आस बनू
अकेलेपन के अँधेरे में डूबे हुओं की आहट बनू
फंदों पर लटकती लाशों के वास्ते
लॉ बनकर रौशनी दूं खोलूँ नए रास्ते
आओ कोई ख्वाब बने कल के वास्ते

सोचता हूँ दरिया बनूँ
हर वक़्त बहूँ मै नदियाँ बनूँ
वक़्त के नशे में खोई सभ्यताओं के वास्ते
आओ कोई ख्वाब बने कल के वास्ते
सोंचता हूँ मै मलाला बनू
धूप में बर्तन मांजती छुटकी की गुडिया बनू
शिक्षा का साया दूं उन्हें बरगद के उन पेड़ों के जैसे
आओ कोई ख्वाब बने कल के वास्ते
सोंचा हूँ कभी न मिटने वाली प्यास बनू
मुरझाये हुए सपनों के लिए मै ताजगी बनू
तड़प बनकर जज़्बा दू उन्हें क्या कुछ करने के वास्ते
आओ कोई ख्वाब बनू मै कल के वास्ते

सोंचता हूँ पंख बनू
विचारों की तितलियाँ बन के मै उडूं
उड़ान बने जो सरे आसमान को नाप ले
आओ कोई ख्वाब बने कल के वास्ते

सोचता हूँ संगीत बनूँ
गीत बनू जो हर मज़हब को बांध दे
इक ही माला में हर फूल महके इस मुल्क के वास्ते
आओ कोई ख्वाब बने कल के वास्ते

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⏰ पिछला अद्यतन: Oct 17, 2017 ⏰

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