उन मुस्कुराती आँखो को

65 3 0
                                    

मुझे  आज भी याद है आँखें वो
संजोती मेरे लिए सपने जो
कभी गुस्सा कभी प्यार कभी खिलखिलाती
अपनी चमक से सबको चमकाती
उन आँखों ने एक लंबा अरसा है जिया
कौन जाने कितना गम उन आँखों ने है पिया
उन मुस्कुराती आँखो को
जाने किसने आंसू दिया |

नहीं रही अब उन आँखों में कोई आस
जाने क्यों हो गई वो आँखें उदास
दर्द के आंसुओं से भीगी भीगी
हो गई आँखें अब वो फ़ीकी फ़ीकी
प्यार बांटा उन आँखों ने चाहे बदले में गम मिला
प्यार का उन आँखों को देखो क्या है सिला मिला
उन मुस्कुराती आँखो को
कहीं मैंने तो आंसू ना दिया |

कभी थी जिनमे मुस्कुराहट
आज नहीं है उनको सुख की राहत
कभी जो चमकती दमकती थी
आज क्यों नहीं वो मुस्कुराती
विश्वास उन आँखों का रखने को मैंने पुरा जतन किया
क्यों लगा फिर जैसे मैंने निराश उनको कर दिया
उन मुस्कुराती आँखो को शायद
मैंने भी एक आंसू दिया |

Jazbaatजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें