चाय और उसके..

23 2 2
                                    

🕉️“कड़क हो या मिठी, बस बिस्तर में मिल जाए।
रविवार की चाय मुझे हमसफ़र के हाथों की भाए।”🙏

छुट्टी की दिन, अलसाई सुबह और हाथ में चाय की प्याली वो भी हमसफ़र के हाथों वाली !
  🤝 मेरी साथिया !☕🤝
क्या कहूँ मैं उसके बारे में ? जितना कहूँ कम हैं ।कभी कड़क कभी मीठी ! साँवली सी ! प्यासी गर्मी में मानसून सी ! ☕
सीधे मन में घुल जाए। पल भर में सुकून दिला देती है।मैं चाय☕ के लिए बोल रहा था।आप क्या समझे ???😄

हमसफ़र ? वैसे चाय दुनिया के सबसे पुराने पेय पदार्थों में से एक हैं ।क्या आपको पता हैं चाय भी चीनीओं की देन हैं ! जी हाँ “चाय" एक चाइनीज शब्द हैं । हिंदी में इसे “ *दूध जल मिश्रित शर्करा युक्त निद्रा भेदनम पर्वतीय पेय पदार्थ" भी कह* ते हैं ।
माफ़ कीजियेगा मैं तो चाय☕ ही बोलूंगा ।
मुझे तो रसोई से हलुआ और आलू के पराँठों की ख़ुशबू आ रही हैं । चलता हूँ  नाश्ता करने ।
क्यों न जीवन में भी चाय की तरह मिठास हो ? लोग क्यों नही ये समझते कि जीवन एक पल का है,इसे ऐसे जीव की आपके न रहने पर भी ,आप लोगों के दिलो में रहो।शायद हमारी सोच बदलेंगी,वह दिन दूर नही जब संसार मे प्यार की बौछार होगी। लोग एक दूसरे को चाय की मिठास को रिस्ते में घोल देंगे और फिर से ईश्वर  की बनाई हुई रचना लहलहा उठेगी। आशा और विश्वास के साथ फिर मिलेंगे,दोस्तो एक नई सोच...

आज स्वादिष्ट व्यंजनों वाला इतवार हो,मुस्कराते रहिये और रविवार के चाय का आनंद लीजिये ।

🙏🙏🙏🙏

      🤝 सुबह की राम राम।🤝

सकारात्मक सोचजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें