कुछ यादें पुरानी ऐसी है
एक अजब कहानी ऐसी है,हर पल वो याद दिलाती है
ये जिस्म पुरानी जैसी है,साथ बिताया था जो हमने
वो रित पुरानी कैसी है,एक आंसू ना आने दिया आंखो में
वो दोस्ती निभानी वैसी है।भूल गए सब रिश्ते नाते
ना जाने जुबानी जैसी थी,जो जुल्म किए उन हाथों ने
एक बार निहारा क्यों उसने था,जब खोफ दिखाया उन आंखों ने
फिर वचन बचानी कैसी थी,पीछे छोड़ गए जो हमको
कसम लौट जाने की कैसी थी,कुछ यादें पुरानी ऐसी थी
एक अजब कहानी ऐसी थी।~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
Here is the new poem.
I hope you like it.
Happy reading!
Stay happy and safe!❤️❤️❤️
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दर्पण (Darpan)
PoetryI'm here again with my new book with a collection of Hindi poems absolutely written by me...sorry if you don't understand this language but for those who understand hindi perfectly I hope you enjoy my new book. It doesn't have any specific topic or...