ये प्यार तूने क्या किया
कभी खुश किया तो कभी गम दिया
ना समझ पाई मैं तेरी ज़ुबानी
कैसे कहूं की में हूं तेरी दीवानीये प्यार तूने क्या किया
कभी खुश किया तो कभी गम दिया
दो जिस्म है पर जान एक है
तू ही है मेरा सबकुछ तू ही है रे
वक़्त का कैसा है ये ज़ोर
होकर जुदा भी तुझसे रह पाऊं ना दूर।ये प्यार तूने क्या किया
कभी खुश किया तो कभी गम दिया
खो जाऊं मैं एक दिन तेरा प्यार पाकर
तेरी हो जाऊं मैं तुझमें समाकर
जी ना पाऊंगी तुझको गवाकर
मर जाऊंगी एक दिन तुझको पाकर।~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
Well I'm still a novice in topics such as this one but I just felt like writing this. Do tell me guys if you like this or not.
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दर्पण (Darpan)
PuisiI'm here again with my new book with a collection of Hindi poems absolutely written by me...sorry if you don't understand this language but for those who understand hindi perfectly I hope you enjoy my new book. It doesn't have any specific topic or...