एक पल को ऐसा लगा
ख्वाबों में घुल सा गया
हाथों में हाथ तेरा
कोई डोर जूर सा गया।तू ज़िन्दगी मेरी है
तू हर खुशी मेरी है
तुझे पा लिया जो मैंने
तो खुदा को पा लिया है।तेरी एक मुस्कान से
खिला ये सरा जहां
तू जब रोए तो
बादल रोते यहां।तेरे इन नीली आंखों में
में तो डूबता रहा हूं
इन समंदरो से आगे
तूने दिखाया मुझे एक जहां है।एक पल को ऐसा लगा
ख्वाबों में घुल सा गया
हाथों में हाथ तेरा
कोई डोर जूर सा गया।~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
After a long time, here's another poem.
I hope you all will like it.
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Stay safe and happy ♥️♥️
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दर्पण (Darpan)
PoetryI'm here again with my new book with a collection of Hindi poems absolutely written by me...sorry if you don't understand this language but for those who understand hindi perfectly I hope you enjoy my new book. It doesn't have any specific topic or...