एक पल

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एक पल को ऐसा लगा
ख्वाबों में घुल सा गया
हाथों में हाथ तेरा
कोई डोर जूर सा गया।

तू ज़िन्दगी मेरी है
तू हर खुशी मेरी है
तुझे पा लिया जो मैंने
तो खुदा को पा लिया है।

तेरी एक मुस्कान से
खिला ये सरा जहां
तू जब रोए तो
बादल रोते यहां।

तेरे इन नीली आंखों में
में तो डूबता रहा हूं
इन समंदरो से आगे
तूने दिखाया मुझे एक जहां है।

एक पल को ऐसा लगा
ख्वाबों में घुल सा गया
हाथों में हाथ तेरा
कोई डोर जूर सा गया।

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After a long time, here's another poem.
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⏰ पिछला अद्यतन: Apr 11, 2021 ⏰

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