कबीर का किशोर मन, प्रेम, रोमांस और सेक्स की फैंटेसियों से लबरे़ज है। कबीर की इन्हीं फैंटेसियों का कारवाँ वड़ोदरा की कस्बाई कल्पनाओं से निकलकर लंदन के महानगरीय ख़्वाबों तक पहुँचता है। लंदन के उन्मुक्त माहौल में, कबीर की कल्पनाओं को हर वो ख़ुराक हासिल है, जिसके लिए उसका मन ललकता है। इन्हीं सतरंगी ख़ुराक पर पलकर उसकी कल्पनाएँ कभी हिकमा और नेहा के प्रेम में, तो कभी टीना और लूसी के आकर्षण में ढलती हैं। मगर कबीर के लिए अपने रुपहले ख़्वाबों के हवामहल से निकलकर किशोरियों के मन और काया की भूल-भुलैया में भटकना कठिन है। यही भटकाव उसे 'डार्क नाइट' में ले आता है; मन की एक ऐसी अवस्था, जिसमें किसी उमंग की कोई रौशनी नहीं है। इसी अँधेरे में कबीर मिलता है, एक स्पेनिश स्ट्रिप डांसर से, जो उसका परिचय डार्क नाइट के रहस्यों से करवाती है। डार्क नाइट के रहस्यों को सुलझाते हुए ही कबीर, नारी प्रे
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