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'क्या तुम मुझे इसलिए ले गए थे कि तुम शो कर सको कि तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?' अगले दिन हिकमा ने कबीर से थोड़ी तल्ख़ आवाज़ में पूछा।
'नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं है। ' कबीर ने बेचैन और घबराई हुई आवाज़ में कहा।
'तो फिर तुमने टीना से यह क्यों नहीं कहा कि हमारे बीच ऐसा कुछ नहीं है। '
'सॉरी उस वक्त मुझे समझ ही नहीं आया कि क्या कहूँ। ' कबीर ने सफाई दी।
'ओके लेट्स फॉरगेट इट, मगर कबीर मुझे इस तरह का शो-ऑफ़ पसंद नहीं है। '
'मैं ध्यान रखूँगा। ' कबीर ने नज़रें झुकाते हुए कहा।
हिकमा के जाने के बाद कबीर कुछ गुमसुम सा बैठा था तभी कूल ने पीछे से आकर उसके कंधे पर हाथ रख कर पूछा, 'व्हाट्स अप मेटी'।
'कुछ नहीं यार। ' कबीर ने बिना मुड़े ही जवाब दिया।
'हिकमा के बारे में सोच रहा है?' कूल ने थोड़ी शरारत से पूछा।
'नहीं, बस ऐसे ही। '
'कल उसे डांडिया डांस में ले गया था?' कूल ने आँखें मटकाईं।
'हाँ'
'फिर क्या हुआ?' कूल ने उत्सुकता से पूछा।
'कुछ नहीं। '
'कुछ नहीं? तू उससे कहता क्यों नहीं कि तू उसे पसंद करता है?'
'मगर कहूँ कैसे? कोई बहाना तो होना चाहिए ना। '
'बहाना है। ' कूल ने चुटकी बजाते हुए कहा।
'क्या?' कबीर की आँखों में उत्सुकता जागी.
'मिसेज़ बिरदी ने एक नई पहल की है स्टूडेंट्स का कॉन्फिडेंस बढाने के लिए। इसमें किसी भी स्टूडेंट को किसी दूसरे स्टूडेंट के बारे में जो भी अच्छा लगे उसे एक कागज़ पर लिख कर बिना अपना नाम लिखे चुपचाप उसके बैग में डाल देना है। इससे स्टूडेंट्स को हौसला मिलेगा और उनका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। '
'और किसी ने कोई खराब बात लिखी या शरारत की तो?' कबीर ने शंका जताई।
'इसीलिए तो नोट हाथ से लिखा होना चाहिए। अगर किसी ने शरारत की तो उसकी हैंडराइटिंग से पता चल जाएगा'
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डार्क नाइट
Romanceकबीर का किशोर मन, प्रेम, रोमांस और सेक्स की फैंटेसियों से लबरे़ज है। कबीर की इन्हीं फैंटेसियों का कारवाँ वड़ोदरा की कस्बाई कल्पनाओं से निकलकर लंदन के महानगरीय ख़्वाबों तक पहुँचता है। लंदन के उन्मुक्त माहौल में, कबीर की कल्पनाओं को हर वो ख़ुराक हासिल है...