नज़्म है उनकी बातें,
पढ़ने को जी चाहता है,
कवि उनकी बातों का,
बनने को जी चाहता है।दरिया उनका इश्क है,
बहने को जी चाहता है,
डूब डूब कर इसके अंदर,
जीने को जी चाहता है।कागज़ उनका रूह है,
रंगने को जी चाहता है,
रंग रंग कर उनके रंग में,
रंगने को जी चाहता है।