वो बर्फीली रात पार्ट -2

235 4 0
                                    

की पापा ने मेरी तरफ देखते हुए फिर कहा। अरे हमारी नैनसी भी तो चाहती थी, की वो विदेश जाकर पढ़ाई करे, "मैंने पापा के सामने टेबल पर थाली रखते हुए। हुम्म में गर्दन हिलाई और थाली रखकर बैठक से बाहर निकल आई।

" हैं मै विदेश में पढ़ाई तो करना चाहती थी " पर शादी करके नहीं, और उस लड़के से जो विदेश में पड़ा और अब वही जॉप कर रहा है।

" क्या वो एक साधारण सी भारतीय लड़की से शादी करना चाहेंगा" ऐसे ही कई सवाल मन में उठने लगें, की पापा की आवाज आई नैनसी बैठा आज तुम पानी देना तो भूल ही गई।

मै अपने ख्यालों से बाहर आती हुई बोली," हां पापा लाई"और पानी का गिलास लेकर बैठक में चली गई। पापा,मम्मी और दादा अभी भी वही बात कर रहे थे।

मम्मी ने मेरी तरफ देखते हुए, "खुशी भरे लहजे में कहां, हां गिरज्वेसन तो कर ली है"। अब पोस्टगिरज्वेशन अमेरिका से कर लेगी। मैने गिलास रखते हुए पापा और मम्मी का मुंह देखा वो लोग बहुत खुश थे।

फिर मै अपने बेड रूम में चली गई। मै उन्हे देखकर खुश तो हुई, पर खुद के लिए खुश नहीं,थी। " मै अमेरिका की उस हावर्ड यूनिवर्सिटी में पड़ना तो चाहती थी। पर शादी करके नहीं
बस इन्हीं ख्यालों में उलझी-उलझी सो गई।

सुबह मम्मी की आवाज से आंख खुली उठो, आज तुम्हारे देखने वाले आ रहे है। बहुत काम है, "आज मुझे जल्दी उठा दिया था" क्योंकि मेरे देखने वाले जो आ रहे थे, मैने उठ कर रोज की तरह घर की पूरी सफाई की बिस्तर और सौफे पर नई चादर बिछाई और नहाने चली गई।

मम्मी ने तब तक नाश्ता तैयार कर दिया था। मै बाथरूम से निकली ही थी, की दरवाजे पर दस्तक हुई। मै दरवाजा खोलने जा ही रही थी, की मम्मी ने मुझे रोकते हुए कहा,जाओ तुम जाकर बाल बांध लो," मैं खोलती हूं शायद वही लोगों होंगे " इतना कहकर मम्मी दरवाजा खोलने चली गई।

और मैं आपने कमरे में जाकर खिड़की के पास रखे आईने में खुद को देखने लगी। मै शुरू से सिंपल सी ही रही हूं, इसलिए मैने बस सिंपल सी एक कुर्ती पहनी, अपने बालों को गूथा और माथे पर छोटी सी बिंदी लगा ली मुझे अपने ऊपर बिंदी बहुत अच्छी लगती है ,और फिर मै रूम से नीचे आ गई।

वो बर्फीली रातजहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें