मैंने ना में जवाब देते हुए कहा। नहीं आपका इंतजार कर रही थी। आप ज्यादा लेट हो गए। काम ज्यादा था क्या? आदित्य मेरी बात सुनकर रूम से मेरी तरफ आने लगा।
उसने अपना कोट उतारा और डायनिग टेबल की चेयर पर रखते हुए कहा। मैंने खाना खा लिया है।
तुम भी खा लो और सो जाओ मेरे लिए परेशान मत हुआ करो। मैं आदित्य की तरफ देख बस उसे सुन रही थी। और वो मुझे देख कर बोल रहा था। मुझे उसका ये बर्ताव बड़ा अजीब लगा।और थोड़ा बुरा भी कम से कम मेरा मन ही रख देता। क्या उसका सभी लड़कियों के साथ ऐसा ही बर्ताव रहता है।
या सिर्फ मेरे साथ क्योंकि मेरे साथ उसका कोई रिश्ता है। की आदित्य ने चेयर से कोट उठाया और अपने रूम की तरफ जाने लगा।मैं उसे जाते हुए देखती रही। की अचानक वो रूम के डोर से रुक गया।
और पीछे मुड़ा उसने कहा मैंने तुम्हारे एडमिशन का फॉर्म ले लिया है। तुम मॉर्निंग में मुझे अपने डॉक्यूमेंट्स दे देना। और अंदर चला गया।
मैं बस खड़ी की खड़ी रह गई।की आदित्य फिर बाहर आया। उसके हाथ में एक फॉर्म था। उसने वो फॉर्म मेरी तरफ बढ़ाया और कहा इसे फील कर देना। और मॉर्निंग में सभी डॉक्यूमेंट्स के साथ मुझे दे देना।
मैंने उसके हाथ से वो फॉर्म ले लिया। मैं अब भी बहुत घबराई सी थी। की ये क्या हो रहा है। की आदित्य ने मुझे देखकर कहा खाना खा लो बहुत लेट हो गया है। और वो वही खड़ा हो गया।
मैंने घबराते हुए कहा नहीं मैंने खा लिया है ये आप के लिए था। उसने कहा अच्छा अब से मेरे लिए मत बनाया करना। Ok मैं वैसे भी खाकर आता हूं , मुझे अच्छा नही लगता किसी को परेशान करना।
फिर उसने कहा मैं इसे फिरीज में रख देता हूं तुम जा कर सो जाओ।और मैं भाग कर आपने रूम में आ गई। मेरे दिमाग में आदित्य की वो बाते गूंज रही थी। और बुरा भी लग रहा था। की क्या आदित्य मुझे अपनी मंगेतर नही मानता या फिर बात कुछ और ही है।
की वो मुझे परेशान नही करना चाहता। मुझे खुद से दूर रखना चाहता है।
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वो बर्फीली रात
القصة القصيرةये कहानी है उत्तराखंड में रहने वाली एक लड़की की जिसका बचपन का सपना था। विदेश में पढ़ने का क्योंकि उसके गांव में विदेश में पढ़ने वाली लड़की को बहुत ही होशियार और किस्मत वाली लड़की माना जाता हैं। और उसका यही सपना पूरा करने के लिए उसके पिता उसकी शादी...