MURTASIM AUR MEERAB KI ZID 🍃

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Chapter - 10

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तुम धु ना ना दे तुम धु ना ना दे
तुम धु ना ना दे तुम धु ना ना दे
ये हौसला कैसे झुके

ये आरज़ू कैसे रुके
ये हौसला कैसे झुके
ये आरज़ू कैसे रुके
मंज़िल मुश्किल तो क्या
धुंदला साहिल तो क्या
तन्हा ये दिल तो क्या

तुम धु ना ना दे तुम धु ना ना दे ( )
तुम धु ना ना दे तुम धु ना ना दे ( )
तुम धु ना ना दे तुम धु ना ना दे ( )
तुम धु ना ना दे तुम धु ना ना दे ( )

राह पे कांटे बिखरे अगर
उसपे तो फिर भी चलना ही है
शाम छुपाले सूरज मगर
रात को दिन ढलना ही है
रुत ये टल जाएगी
हिम्मत रंग लाएगी
सुबह फिर आएगी
तुम धु ना ना दे तुम धु ना ना दे (हो हो)
तुम धु ना ना दे तुम धु ना ना दे (हो हो)
ये हौसला कैसे झुके
ये आरज़ू कैसे रुके

हे हे

होगी हमें तो रेहमत अदा
धुप कटेगी साये तले
अपनी खुदा से है ये दुआ
मंज़िल लगाले हमको गले
ज़ुर्रत १०० बार रहे
ऊंचा इकरार रहे
ज़िंदा हर प्यार रहे
तुम धु ना ना दे तुम धु ना ना दे (हो हो)
तुम धु ना ना दे तुम धु ना ना दे ( )
ये हौसला कैसे झुके
ये आरज़ू कैसे रुके

❤️ PYAR KA SADQAY ❤️ •~ MEERASIM FF •~ Where stories live. Discover now