एक दिन कभी जो ख़ुद को तराशे
मेरी नज़र से तू ज़रा, हाय रे
आँखों से तेरी क्या-क्या छुपा है
तुझको दिखाऊँ मैं ज़रा, हाय रे
एक अनकही सी दास्ताँ-दास्ताँ
कहने लगेगा आईना
सुब्हान-अल्लाह, जो हो रहा है, पहली दफ़ा है
वल्लाह, ऐसा हुआ
सुब्हान-अल्लाह, जो हो रहा है, पहली दफ़ा है
वल्लाह, ऐसा हुआ
मेरी ख़ामोशी से बातें चुन लेना
उनकी डोरी से तारीफ़ें बुन लेना
हो, मेरी ख़ामोशी से बातें चुन लेना
उनकी डोरी से तारीफ़ें बुन लेना
कल नहीं थी जो, आज लगती हूँ
तारीफ़ मेरी है ख़्वाह-मख़ाह
तोहफ़ा है तेरा मेरी अदा
एक दिन कभी जो ख़ुद को पुकारे
मेरी ज़ुबाँ से तू ज़रा, हाय रे
तुझमें छुपी सी जो शायरी है
तुझको सुनाऊँ मैं ज़रा, हाय रे
ये दो दिलों का वास्ता-वास्ता
खुल के बताया जाए ना
सुब्हान-अल्लाह, जो हो रहा है, पहली दफ़ा है
वल्लाह, ऐसा हुआ
सुब्हान-अल्लाह, जो हो रहा है, पहली दफ़ा है
वल्लाह, ऐसा हुआ
सुब्हान-अल्लाह, जो हो रहा है, पहली दफ़ा है
वल्लाह, ऐसा हुआ
सुब्हान-अल्लाह, जो हो रहा है, पहली दफ़ा है
वल्लाह, ऐसा हुआ
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𝘚𝘏𝘜𝘋𝘏 𝘋𝘌𝘚𝘐 𝘙𝘖𝘔𝘈𝘕𝘊𝘌
Romantizm𝖡𝗈𝗈𝗄 𝟤 𝗈𝖿 𝗌𝖾𝗋𝗂𝖾𝗌 #𝙰𝚁𝚁𝙰𝙽𝙶𝙴𝙳 𝙷𝙴𝙰𝚁𝚃𝚂 (This series contains arranged marriage stories only) 𝐕𝐢𝐡𝐚𝐚𝐧 𝐒𝐮𝐫𝐲𝐚𝐯𝐚𝐧𝐬𝐡𝐢 27 years old , Handsome and kind-hearted self made CEO of 'VS Group of Industries' Belongs from a...