दंड

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राकेश के पिता का गतवर्ष देहांत हो गया, माताजी तो पहले ही स्वर्ग सिधार चुकी थीं। पिता के देहांत के बाद घर में राकेश के अलावा उसकी पत्नी, पांच बेटियां, और तेरह वर्ष का छोटा भाई रंजीत ही रह गए। घर के बड़े लोगों में केवल राकेश की ताई शीला ही बची थीं, उनके कोई संतान न थी और संतान न होने के कारण जो भी उनके पास था सब कुछ अंततः राकेश और उसके भाई को ही मिलना तय था, इसलिए राकेश की पत्नी रज्जो उनका अच्छे से ख्याल रखती थी। ताई खाना तो रज्जो के यहां खाती थीं पर रज्जो के घर से सटे हुए अपने घर में अकेली ही रहती थीं।

राकेश स्वभाव से बहुत ही विनम्र था, बहुत मेहनती भी था परंतु उसमें एक अवगुण था, वह कभी कभी शराब पीकर पूरी बस्ती में हंगामा करता था। आस पड़ोस के लोग उसके इस व्यवहार से हैरान होते क्योंकि नशा उतरने के बाद उसका वही पुराना विनम्र स्वभाव दिखाई देता। घर में बड़ा होने के कारण वो घर का मुखिया और इकलौता पालनहार था। पिता भी शराब के वजह से चल बसे, उसी लत का शिकार राकेश हो गया। जितना कमाता सब परिवार के भरण-पोषण और शराब में खर्च हो जाता। बच्चों की पढ़ाई तो दूर उन्हें पहनने को ठीक से कपड़े तक नसीब न होते। पांच बेटियों और एक छोटे भाई को पालना बड़ा मुश्किल काम था। बड़ी बेटी के लिए कभी जो कपड़े ख़रीदे जाते वे तब तक पहने जाते जब तक की जवाब न दे दें, बड़ी के कपडे जब उसे छोटे पड़ जाते तो उस कपडे को उससे छोटी पहनती फिर उससे छोटी पहनती यही क्रम चलता रहता।

मनुष्य के गरीब होने के पीछे अनेक कारण होते हैं, कभी परिस्थितियां ऐसी बनती हैं तो कभी वह स्वयं जाने अनजाने में ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न करता है। अज्ञानतावश वह स्वयं को इनका दास बना लेता है। संतान को भगवान की देन मानकर बच्चों की लंबी कतार खड़ी कर लेता है, फलस्वरूप परिवार में आश्रितों की संख्या बढ़ने लगती है, फिर मनुष्य का जीवन इन आश्रितों के लिए भोजन खिलाने और फिर उनकी शादियां कराने में ही निकल जाता है, बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इनका वौद्धिक विकास नहीं हो पता, इनकी शिक्षा बस यहीं तक सीमित रह जाती है, कि यदि लड़का हुआ तो मजदूरी में लगा दिया ताकि कुछ आर्थिक मदद मिल सके और यदि लड़की हुई तो वह बस घर का कामकाज सीखे, आखिर उसे पराये घर जाने के अलावा और करना ही क्या है। यही मानसिकता पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। इसके अतिरिक्त शराब, जुआ और अन्धविश्वास ने समाज के एक बहुत बड़े तबके की आर्थिक रूप से कमर तोड़ रखी है।

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