बिखरी कहानी

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एक बिखरी हुई सी कहानी मिली
या यूं कह लो
बिखरी हुई एक जिंदगानी मिली
रंग थे सब खोए हुए
कुछ भी नहीं था बचा
क्या पता आगे के उन बंद पन्नों में
लिखने वाले ने था
क्या-क्या छुपा के रखा

दूर कहीं इसी दुनिया में
था कोई ऐसी ही कहानी की खोज में
बेचैन सा हर तरफ भागता रहा
हर नए और मशहूर किस्से सुने

पर कुछ भी ना भाया उसे
क्यूंकि उसकी कहानी थी अब भी गुमनाम
खोई थी बंद पन्नों में कहीं
आने वाले इस नए मोड़ से बिल्कुल अंजान

थक के बैठा अंधेरे में
हो के उदास
तो पाया किसी अपने को बैठे हुए पास
हाँ, ये वही कहानी थी

वो कहानी सहम के
कुछ आगे बढ़ी
बिखरे पन्ने उठाए
और फिर चल पड़ी
लड़खड़ाते हुए
थोड़ा घबराई वो
मुश्किलों से डरी, फिर भी ना रूकी
किस्से सुनाते आगे बढ़ती रही

Another collaboration with @undoubtedlymine.

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