ए वतन

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सुकून बडा हि ए वतन 
तेरी मोहोब्बत है. 
वतन मेरे तू ही  मेरी हस्ती
मेरी चाहत है.  

कह दो उन  सब से 
जिन्होने रंगो को बाटा है ;
मेरे तिरंगे ने हार रंग,
हर धर्म को खुदमे समेटा है.  

स्याही से नही ,विरो के खून से
लिखी  गयी है आझादी कि दास्ता 
ए हिंदुस्थानी तू ये ना भुलणा 
आझादी का बडा मुश्किल था रास्ता. 

जवानी वो कैसी जो 
वतन के काम ना आये. 
ए भारत माँ तेरे हि आंचल मे
मेरी सारी उमर निकाल जाये.    

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⏰ पिछला अद्यतन: Mar 31, 2020 ⏰

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