कब से लगाकर बैठी हूं,
पिया मिलन की आस ।
ऐ हवा जरा हौले से ले चल ,
मुझे मेरे पिया के पास ।
दूरी अब उनसे सही ना जाए ,
बिन उनके अब रहा न जाए ।
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मेरी कविताएं मेरे एहसास......
Poetryमेरी कविताएं मेरे एहसास... इसमें मेरी विभिन्न कवितायें हैं । जिसमें से कुछ मेरे खट्टे मीठे अनुभवों पर आधारित है और कुछ कविताएं है जो मैंने अपनी कल्पना के सागर में गोते लगाकर कुछ मोती चुने हैं जिनको मैं आपके समक्ष प्रस्तुत कर रही हूं । इस पुस्तक मे...
आस
कब से लगाकर बैठी हूं,
पिया मिलन की आस ।
ऐ हवा जरा हौले से ले चल ,
मुझे मेरे पिया के पास ।
दूरी अब उनसे सही ना जाए ,
बिन उनके अब रहा न जाए ।