आस

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कब से लगाकर बैठी हूं,
पिया मिलन की आस ।
ऐ हवा जरा हौले से ले चल ,
मुझे मेरे पिया के पास ।
दूरी अब उनसे सही ना जाए ,
बिन उनके अब रहा न जाए ।

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