जाने कैसा ये अजब दहशत का दौर है,
हवाओं में भी नजर आता ,
जैसे कोई अदृश्य चोर है।
अब नहीं रही किसी से ,
मिलने की उत्कंठा,
हर किसी को देख कर,
होती है कोई भयावह शंका ।
जाने कब वह.मिलन का ,
अनूठा पल आयेगा,
जब बिना मास्क के,
हर व्यक्ति एक दूसरे को ,
देख के मुस्कुरायेगा ।
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मेरी कविताएं मेरे एहसास......
Poesiaमेरी कविताएं मेरे एहसास... इसमें मेरी विभिन्न कवितायें हैं । जिसमें से कुछ मेरे खट्टे मीठे अनुभवों पर आधारित है और कुछ कविताएं है जो मैंने अपनी कल्पना के सागर में गोते लगाकर कुछ मोती चुने हैं जिनको मैं आपके समक्ष प्रस्तुत कर रही हूं । इस पुस्तक मे...
अनूठा पल
जाने कैसा ये अजब दहशत का दौर है,
हवाओं में भी नजर आता ,
जैसे कोई अदृश्य चोर है।
अब नहीं रही किसी से ,
मिलने की उत्कंठा,
हर किसी को देख कर,
होती है कोई भयावह शंका ।
जाने कब वह.मिलन का ,
अनूठा पल आयेगा,
जब बिना मास्क के,
हर व्यक्ति एक दूसरे को ,
देख के मुस्कुरायेगा ।