अनूठा पल

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जाने कैसा  ये अजब दहशत का दौर है,
हवाओं में भी नजर आता ,
जैसे कोई अदृश्य चोर है।
अब नहीं रही किसी से ,
मिलने की उत्कंठा,
हर किसी को देख कर,
होती है कोई भयावह शंका ।
जाने कब वह.मिलन का ,
अनूठा पल आयेगा,
जब बिना मास्क के,
हर व्यक्ति एक दूसरे को ,
देख  के मुस्कुरायेगा ।

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⏰ पिछला अद्यतन: Apr 19, 2021 ⏰

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