निज भाषा को जन जन तक पहुंचाये ,
तभी असली हिन्दी दिवस मनाये।ये है लगती सबसे प्यारी ,
ममतामयी जैसे मां हो हमारी ।इसकी सरलता ही इसकी,
सबसे बड़ी खूबी ,
अपनी इसी खूबी से ,
ये जन जन की हो ली ।जैसे ये लिखी जाती ,
वैसे ही ही पढी जाती ,
इसी लिये तो,
राष्ट्रभाषा का सम्मानित,
दर्जा ये पाती ।
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मेरी कविताएं मेरे एहसास......
Poetryमेरी कविताएं मेरे एहसास... इसमें मेरी विभिन्न कवितायें हैं । जिसमें से कुछ मेरे खट्टे मीठे अनुभवों पर आधारित है और कुछ कविताएं है जो मैंने अपनी कल्पना के सागर में गोते लगाकर कुछ मोती चुने हैं जिनको मैं आपके समक्ष प्रस्तुत कर रही हूं । इस पुस्तक मे...