तेरे गालों की सुर्ख लाली ,बता रही है मुझे,
कि प्यार तुझे भी है , बेपनाह मुझसे ।
वो इनकार तो , तेरा बहाना था,
दरअसल तुझे और भी ,करीब मेरे आना था ।
तेरी बातों की इस अबूझ पहेली मे ,
मैं पागल और बना दीवाना था ।
अब जाके समझ पाया हूँ ,
कि तेरा इनकार ही ,
इजहारे इश्क था दरअसल ।
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मेरी कविताएं मेरे एहसास......
Poetryमेरी कविताएं मेरे एहसास... इसमें मेरी विभिन्न कवितायें हैं । जिसमें से कुछ मेरे खट्टे मीठे अनुभवों पर आधारित है और कुछ कविताएं है जो मैंने अपनी कल्पना के सागर में गोते लगाकर कुछ मोती चुने हैं जिनको मैं आपके समक्ष प्रस्तुत कर रही हूं । इस पुस्तक मे...
इजहारे इश्क
तेरे गालों की सुर्ख लाली ,बता रही है मुझे,
कि प्यार तुझे भी है , बेपनाह मुझसे ।
वो इनकार तो , तेरा बहाना था,
दरअसल तुझे और भी ,करीब मेरे आना था ।
तेरी बातों की इस अबूझ पहेली मे ,
मैं पागल और बना दीवाना था ।
अब जाके समझ पाया हूँ ,
कि तेरा इनकार ही ,
इजहारे इश्क था दरअसल ।