ज़िंदगी

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ज़िन्दगी की आस,
साथ ही कई सारी प्यास।
उस ज़िन्दगी के लिए,
जिसने हर सितम है किए।

खत्म होने का डर,
फिर क्यों हर इंसान इसे जिये मर-मर।
मायने तो हैं इसके कई,
हर दिन ही एक उम्मीद नई।

ख्वाहिशों के सागर में,
ज़िन्दगी की चादर में,
हर राज़ एक कहानी है,
जैसे मीरा कृष्ण की दीवानी है।

ऊपर वाले का ये उपहार,
फिर क्यों कुछ लोग नक करे इससे प्यार?
ये सवाल अक्सर ही आता है,
क्यों इंसान ज़िन्दगी के असल मायने समझ नही पता है।

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