आज फिर मेरा दोस्त मुझसे रूठ गया,
पिछले किए अपने सारे वादे भूल गया,
आज फिर मेरा दोस्त मुझसे रूठ गया।
जो अपना कहता था मुझे आज वही मुझसे दूर गया,
जो घंटो बातें करता था मुझे आज वही मूक हो गया,
आज फिर मेरा दोस्त मुझसे रूठ गया।मेरा पक्ष समझे बिना ही मुझे गलत समझ गम में डूब गया,
कुछ कहे बिना ही चुप हो कर बैठ गया,
आज फिर मेरा दोस्त मुझसे रूठ गया।
जो सालों तक नहीं हुआ, वो आज फिर हो गया,
बिना बात किए कैसे उसका दिल संभल गया,
आज फिर मेरा दोस्त मुझसे रूठ गया।चार साल बाद एक दिन की याद दिला गया,
नाराज़ होकर पिछले झगड़ों की याद दिला गया,
आज फिर मेरा दोस्त मुझसे रूठ गया।
अपनी बात ऊपर रखकर भी वो मुझसे दूर गया,
दोस्तों में हार जीत कैसी वो ये बात आज फिर भूल गया,
आज फिर मेरा दोस्त मुझसे रूठ गया।तू सही मैं गलत वाला फंडा भी पीछे छोड़ गया,
सारी दोस्ती भुलाकर आज एक झगड़ा पकड़कर बैठ गया,
आज फिर मेरा दोस्त मुझसे रूठ गया।
अरे एक बार बात तो करी होती मुझसे,
अगर विश्वास ना होता फिर मुझे बोल देता,
पर बात न करना तो गलत है,
मेरी गलती बताकर खुद भी घुट गया,
बार बार लड़ाई को याद करके फिर रो गया,
आज फिर मेरा दोस्त मुझसे रूठ गया।
आज फिर मेरा दोस्त मुझसे रूठ गया।।
YOU ARE READING
हिन्दी काव्य
PoetryHighest Rank- #1 in poem on 13th October,2022,#2 in poetry on 13th October,2022,#1 in हिंदीकविता on 13th October,2022.#1 in wattpadindiaawards2020 on 12th May,2021 #1 in शायरी on 13th October,2022.#3 in हिन्दी on 13th October, 2022,#1 in कविता 13th...