भाग - १९(chapter -19 Aur Aahistaa Kijiye Baatein,Dhandakane Koi Sun Raha Hoga🪷Speak so slowly my love, someone might hear our heart's affairs 🪷)
राम (प्रिया की ख़ामोशी को हां समझ)- हमसे रूठ क्यूं गई थी इतना दोपहर में?......
Ram (taking PRIYA's silence as a yes)- Why you got upset with me ?..
प्रिया (अचानक इस सवाल पर गहरी सांस लेते हुए दूसरी ओर जाते हुए)- क्या ही फ़र्क पड़ता है?
Priya (Moving in other direction as she inhaled deeply at this sudden question)- How does it matter ?
राम - फ़र्क पड़ता है तभी तो पूछ रहा हूं...और प्रिया के बढ़ते कदम थम गए जब राम के हाथों ने प्रिया की कनिष्ठा(little finger) को अपनी जद में ले लिया...(ना जाने राम के मन में ये क्या आया और न जाने क्यों प्रिया भी राम के पास ही ठहर गई,राम के मन की राम(श्रीराम और हमारे राम) ही जानें 💕)
Ram -Of course,it does matter to me, that's why I am asking...and Priya's steps halted as Ram captured Priya's little finger in his grip...(Who knows what came into Ram's mind and why Priya couldn't move and stayed there,close to Ram,only Lord Ram knows about our Ram's real feelings💕)
Pic courtesy -SET✨
प्रिया ने पहले उनके (रामप्रिया)हाथों और फ़िर राम की ओर देखा, पर राम ने अपनी आंखों को हाथों के इस अधूरे पर बेहद ख़ास मिलन का साक्षी बनाने का निश्चय किया और राम को इस तरह खोया देखकर प्रिया जैसे दूसरी सांस लेना ही भूल गई।
Priya looked at their hands and then she shifted her glance at Ram but Ram decided to cherish this incomplete yet memorable union of their hands and seeing him lost in the moment,Priya forget to breathe her next.
राम अपने और प्रिया के हाथों को देख रहे थें और उनके चेहरे पर एक सुंदर सी मुस्कान थी,बिल्कुल वैसी ही जैसी बचपन से मां से कहानियों में प्रिया ने सुनी थीं।जब श्री कृष्ण दौड़कर अपनी राधे से मिलने जाते थे और दूर से उनकी राधिके की एक झलक पाकर श्रीकृष्ण को उनके बैकुंठ के दर्शन हो जाते थें....क्या सोच रही हो प्रिया,ये सब कैसे हो सकता है?...
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छाप तिलक सब छीनी रे....
FanfictionDon't worry only title is in Hindi, English translation is provided along with the Hindi one 🌸 Yes,like all the admirers of RamPriya /NakuulDisha and the very idea of Bade Achhe lagte Hain 2,I am also fed up with the "Aatmghaati (self-destructive )...