भाषा तो प्रत्येक महान ही है।पर हिन्दी, हिन्दी केवल एक भाषा नहीं,बल्कि हमारा हृदय है।इसका प्रभाव इसी बात से प्रमाणित हो जाता है कि हम स्वयं को ' हिंदी हैं हम ' के उदघोष से सम्बोधित करते हैं।इस भाषा को भाषा ही नहीं,बल्कि अपने हृदय की तरह संरक्षित करना आवश्यक है,ताकि ये प्रेम आगे की पीढ़ियों तक भी पहुंचे ।सोचिए,कैसा होगा वो भारत,जहां राष्ट्रगान बस एक औपचारिकता बन कर रह जाए,और बच्चें उसके भावार्थ को न समझ पाएं।
हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ✍️🪔
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छाप तिलक सब छीनी रे....
FanfictionDon't worry only title is in Hindi, English translation is provided along with the Hindi one 🌸 Yes,like all the admirers of RamPriya /NakuulDisha and the very idea of Bade Achhe lagte Hain 2,I am also fed up with the "Aatmghaati (self-destructive )...