आग जैसी फितरत थी 🔥🥀...!!

99 18 20
                                    

☆-------------------------☆
𝑨𝒉𝒎...𝒂𝒉𝒎𝒎....
𝐓𝐨𝐡 𝐚𝐫𝐳 𝐡𝐚𝐢 𝐤𝐢.....
☆-------------------------☆

"जिस राह पर हर बार मुझे,
सबकी कमी खलती रही...

उसी राह पर ना जाने,
क्यों मैं चलती रही....

सोचा तो बहुत था ,
कि खुद को पत्थर दिल बनायेंगे !!

लेकिन आग जैसी फितरत थी,
अंदर ही अंदर मेरी रूह जलती रही...!!"


~𝐷𝑖𝑙𝑗𝑎𝑙𝑖 𝑠ℎ𝑎𝑦𝑎𝑟✨...
𝐊𝐀𝐍𝐈𝐊𝐀 🥀✨..

𝐈𝐍 𝐓𝐇𝐄 𝐃𝐄𝐏𝐓𝐇𝐒 𝐎𝐅 𝐃𝐄𝐒𝐏𝐀𝐈𝐑🥀Where stories live. Discover now