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𝑨𝒉𝒎...𝒂𝒉𝒎𝒎....
𝐓𝐨𝐡 𝐚𝐫𝐳 𝐡𝐚𝐢 𝐤𝐢.....
☆-------------------------☆"जिस राह पर हर बार मुझे,
सबकी कमी खलती रही...उसी राह पर ना जाने,
क्यों मैं चलती रही....सोचा तो बहुत था ,
कि खुद को पत्थर दिल बनायेंगे !!लेकिन आग जैसी फितरत थी,
अंदर ही अंदर मेरी रूह जलती रही...!!"
~𝐷𝑖𝑙𝑗𝑎𝑙𝑖 𝑠ℎ𝑎𝑦𝑎𝑟✨...
𝐊𝐀𝐍𝐈𝐊𝐀 🥀✨..
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𝐈𝐍 𝐓𝐇𝐄 𝐃𝐄𝐏𝐓𝐇𝐒 𝐎𝐅 𝐃𝐄𝐒𝐏𝐀𝐈𝐑🥀
Poetry"शायर है जनाब इसलिए शायरी लिखते हैं.. हम तो बस अपने जज़्बात लिखते हैं.... अधूरी बातों के पूरे ख़्वाब लिखते हैं... शायर है जनाब इसलिए शायरी लिखते हैं...!!" 𝐈𝐍 𝐓𝐇𝐄 𝐃𝐄𝐏𝐓𝐇𝐒 𝐎𝐅 𝐃𝐄𝐒𝐏𝐀𝐈𝐑🥀... 𝐁𝐘 𝐊𝐀𝐍𝐈𝐊𝐀... @𝐭𝐡𝐞_𝐮𝐧𝐭𝐨𝐥𝐝_𝐫...