chapter -10

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कालेज की आखिरी क्लास भी खत्म होने वाली थी !! गीता अवनी का इंतजार करते करते करते बहुत परेशान हो गई थी उसके दिल में एक डर बैठ गया था कि अवनी के साथ कुछ ग़लत ना हो गया हो क्योंकि इतनी देर हो गई अवनी अभी तक अपना कमीज़ साफ करके ही नहीं आईं ?? और ये विनय भी तब से गायब है !!

गीता अपना और अवनी का बैग उठा कर अपनी सीट से खड़ी हो गई और टीचर की तरफ देखकर बोली :- मैडम क्या मैं वाशरूम जा सकती हूं ????

टीचर गुस्से में :- हां सभी चले जाओ वाशरूम !!! पहले अवनी गई फिर विनय गया और अब तुम !!! उनको आने दो पहले..फिर जाना !!

गीता ने सोचा ये टीचर ऐसे तो जाने देगी नहीं ..उधर अवनी किसी मुसीबत में ना हो मूझे ही कुछ करना होगा !!! वो फटाफट बोली :- मैडम मेरे पेट में बहुत दर्द है लूज़ मोशन जैसा हो रहा है मैं रुक नहीं पाऊंगी !!!

गीता की बात सुनकर सभी क्लास के बच्चे हंसने लगे ! लेकिन गीता को अपने ऊपर होने वाली हंसी की फ़िक्र नहीं थी उसे तो अवनी की फ़िक्र थी !!!

टीचर गुस्से से गीता की तरफ देखते हुए बोली :- निकलो क्लास से बाहर !! और अगर लूज मोशन ठीक ना हुए तो कल कालेज मत आना !!!

गीता क्लास से निकल कर सीधा वाशरूम की तरफ तेजी से बढ़ने लगी !!!

वाशरूम में पहुंच कर गीता ने आवाज लगाई :- अवनी!!!!!!

गीता सब दरवाजे खोल कर देखने लगी कि अवनी कहीं अंदर ना हो लेकिन उसने सब दरवाजे खोल कर देख लिए अवनी कहीं नजर नहीं आई !!!

गीता सोच में पड़ गई कि अवनी आखिर गई कहां ??? आई तो वो वाशरूम में ही थी कहां जा सकती है अवनी ?? वो कमीना विनय भी तो उसके पीछे ही आ गया था !! कहीं विनय अवनी को उस दिन की तरह कालेज के पीछे तो नहीं ले गया ???

गीता की रूह कांप गई कि आज अवनी के साथ जरूर कुछ ग़लत हो गया होगा !!

वो वाशरूम से निकल कर कालेज के पीछे की जगह पर देखने के लिए जैसे ही वाशरूम से निकलने लगी उसे किसी लड़की की हल्की सी चीख सुनाई दी !!!!

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