Sanskrit Verse -
अनादिमध्यान्तमनन्तवीर्य-
मनन्तबाहुं शशिसूर्यनेत्रम् |
पश्यामि त्वां दीप्तहुताशवक्त्रं-
स्वतेजसा विश्वमिदं तपन्तम् || 19||anādi-madhyāntam ananta-vīryam
ananta-bāhuṁ śhaśhi-sūrya-netram
paśhyāmi tvāṁ dīpta-hutāśha-vaktraṁ
sva-tejasā viśhvam idaṁ tapantamWord by word meaning -
anādi-madhya-antam—without beginning, middle, or end; ananta—infinite; vīryam—power; ananta—unlimited; bāhum—arms; śhaśhi—the moon; sūrya—the sun; netram—eyes; paśhyāmi—I see; tvām—you; dīpta—blazing; hutāśha—emanating from; vaktram—your mouth; sva-tejasā—by your radiance; viśhwam—universe; idam—this; tapantam—warming
अनादि-मध्य-अन्तम्-आदि, मध्य और अंत रहित; अनन्त-असीमित, मध्य और अंत रहित; वीर्यम्-शक्ति; अनंत-असीमित; बाहुम्-भुजाएँ; शशि-चन्द्रमा; सूर्य-सूर्य; नेत्रम्-आँखें; पश्यामि-देखता हूँ; त्वामम्-आपको; दीप्त-प्रज्ज्वलित; हुताश-वक्त्रम्-मुख से निकलती अग्नि को; स्व-तेजसा-आपके तेज से; विश्वम् ब्रह्माण्ड को; इदम् इस; तपन्तम्-जलते हुए।
English Translation -
You are without beginning, middle, or end; Your power has no limits. Your arms are infinite; the sun and the moon are like Your eyes, and fire is like Your mouth. I see you warming the entire creation by Your radiance.
Hindi Translation -
आप आदि, मध्य और अंत से रहित हैं और आपकी शक्तियों का कोई अंत नहीं है। सूर्य और चन्द्रमा आप के नेत्र हैं और अग्नि आपके मुख के तेज के समान है और मैं आपके तेज से समस्त ब्रह्माण्ड को जलते देख रहा हूँ।
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Universal Form of Shri Krishna
EspiritualHare Krishna Lord Krishna has various forms. He has impersonal and personal forms. The Universal Form is one of the various forms of Krishna. When Arjuna saw this Universal Form of Krishna, he went through many emotions that frightened even the grea...