Verse 16

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Sanskrit Verse -

अनेकबाहूदरवक्त्रनेत्रं
पश्यामि त्वां सर्वतोऽनन्तरूपम्।
नान्तं न मध्यं न पुनस्तवादिं
पश्यामि विश्वेश्वर विश्वरुप ॥16॥

aneka-bāhūdara-vaktra-netraṁ
paśhyāmi tvāṁ sarvato ’nanta-rūpam
nāntaṁ na madhyaṁ na punas tavādiṁ
paśhyāmi viśhveśhvara viśhva-rūpa

Word by word meaning -

aneka—infinite; bāhu—arms; udara—stomachs; vaktra—faces; netram—eyes; paśhyāmi—I see; tvām—you; sarvataḥ—in every direction; ananta-rūpam—inifinite forms; na antam—without end; na—not; madhyam—middle; na—no; punaḥ—again; tava—your; ādim—beginning; paśhyāmi—I see; viśhwa-īśhwara—The Lord of the universe; viśhwa-rūpa—universal form

अनेक-अनंत; बाहु-भुजाएँ; उदर-पेट; वक्त्र-मुख; नेत्रम्-आँखें; पश्यामि-मैं देखता हूँ; त्वाम्-तुम्हें; सर्वतः-चारों ओर; अनंत-रुपम्-असंख्य रूप; न अन्तम्-अन्तहीन; न-नहीं; मध्यम्-मध्य रहित; न पुनः-न फिर; तव-आपका; आदिम्-आरम्भ; पश्यामि-देखता हूँ; विश्व-ईश्वर-हे ब्रह्माण्ड नायक; विश्वरूप-ब्रह्माण्डिय रूप में ।

English Translation -

I see Your infinite form in every direction, with countless arms, stomachs, faces, and eyes. O Lord of the universe, whose form is the universe itself, I do not see in You any beginning, middle, or end.

Hindi Translation -

मैं सभी दिशाओं में अनगिनत भुजाएँ, उदर, मुँह और आँखों के साथ आपके सर्वत्र फैले हुए अनंतरूप को देखता हूँ। हे ब्रह्माण्ड के स्वामी! आपका रूप अपने आप में अनंत है, मुझे आप में कोई आरम्भ, मध्य और अंत नहीं दिखता।

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