अनकहे अल्फ़ाज़

16 0 0
                                    

दरिया संग बहते गए
तोहमतें सब ख़ामोश , सुनते गए
जब अपनो ने मुसलसल साथ छोड़ दिया
कुछ यादों सहारा बानी तो कुछ ने ग़मो में डुबो दिया

Vote,comment and share

अनकहे अल्फ़ाज़जहाँ कहानियाँ रहती हैं। अभी खोजें