इक उम्मीद

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अँधेरे में जब ये दिल बुलाए
बुझती लौ वो मेरी फिर जला जाना
अगर यादों का तूफ़ान उठे
शब्दों की ये महफ़िल फिर सज़ा जाना

_riti

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