तड़प

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हर रोज़ एक नया सवेरा आता है
जो है नहीं,जो खो दिया ,उसकी याद दिलाता है
सोचती हु,
तूने जो मुझे भुला दिया है
मैं भी तुझे जाने दु क्या
तेरी ही तरह दिल के दरवाज़े खोल
यहां किसी और को घर बनाने दु क्या
.
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एक एक कर तेरी सब बातें याद आती है...
ऐसेही एक और रात अश्क़ों में ढल जाती है।

_रीति

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