मेरी ख़ामोशी में छिपे वो अनकहे अल्फ़ाज़

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To the society and shackles which are holding a person down
परिंदा वो उड़ना चाहे,पंख यूँ न तोड़ दो।
मन व्याकुल है उड़ने के शौक़ में
अब तो पिंजरे खुले छोड़ दो ।।

💝riti

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