जब भूलना चाहू तुझे
यादों की बर्क़ गिरती है
तुझे क्या पता
ये धड़कने रुक -रुक कर कैसे चलती हैख्वाहिशें अब आज़ाद नही
तेरी हसी से बढ़कर कोई साज़ नहीयूँ तो खताओं से परहेज़ है
इश्क़ में फ़िर भी दिल रंगरेज़ है--riti
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अनकहे अल्फ़ाज़
PoesíaHave you ever felt that anxiousness whlie trying to sleep? A constant buzzing in your ears.,mind whispering ? conspiring for a future! An alternate reality where u were brave , brave enough to give words to your thoughts, while you keep tossing and...